कुष्ठ रोग का आयुर्वेद इलाज, ऐसे करें घर पर ही उपचार
योग गुरु सुनील सिंह
अक्सर कुष्ठ रोग या 'हार्सन्स डिजीज' से पीड़ित मरीजों को समाज में फैली गलत अवधारणाओं और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। लोग इस बीमारी को एक शाप की तरह देखते हैं। यदि लोगों में इसकी जागरूकता बढ़ेगी तो लोग इसे शाप न समझकर इलाज की तरफ ज्यादा ध्यान दे पाएंगे। कुष्ठ रोग या कोढ़ की बीमारी ठीक हो सकती है।
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लेप्रसी या कोढ़ के दौरान हमारे शरीर पर सफेद चकत्ते यानी निशान पड़ने लगते हैं। ये निशान सुन्न होते हैं यानी इनमें किसी तरह का सेंसेशन नहीं होता है। अगर आप इस जगह पर कोई नुकीली वस्तु चुभोकर देखेंगे तो आपको दर्द का अहसास नहीं होगा। ये पैच या धब्बे शरीर के किसी एक हिस्से पर होने शुरू हो सकते हैं, जो ठीक से इलाज ना कराने पर पूरे शरीर में भी फैल सकते हैं।
कुष्ठ रोग अब लाइलाज बीमारी नहीं रही है। दूसरी चिकित्सा पद्धत्ति के आलावा आयुर्वेद में भी इसका इलाज है। आयुर्वेद में इसका इलाज कुछ इस प्रकार है।
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कुष्ठ रोग की आयुर्वेदिक दवा-
मेहंदी के पत्तों का रस 25 ग्राम और शहद 25 ग्राम, दोंनो को मिलाकर रोज सुबह सेवन करें। इसका लगातार 60 दिनों तक सेवन करें। इसका सेवन करने से खून साफ होगा और चर्मरोग यानी कुष्ठ रोग नष्ट हो जाएगा।
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